રામ કથા
માનસ અહિસા
મુંદ્રા, કચ્છ
શનિવાર, ૦૮/૦૬/૨૦૧૯ થી રવિવાર, ૧૬/૦૬/૨૦૧૯
મુખ્ય પંક્તિઓ
कवन पुन्य श्रुति बिदित बिसाला।
कहहु कवन अघ परम कराला।।
परम धर्म श्रुति बिदित अहिंसा।
पर निंदा सम अघ न गरीसा।।
શનિવાર, ૦૮/૦૬/૨૦૧૯
संत असंत मरम तुम्ह जानहु। तिन्ह कर सहज सुभाव बखानहु।।
कवन पुन्य श्रुति बिदित बिसाला। कहहु कवन अघ परम कराला।।3।।
संत उदय संतत सुखकारी।
बिस्व सुखद जिमि इंदु तमारी।।
परम धर्म श्रुति बिदित अहिंसा।
पर निंदा सम अघ न गरीसा।।11।।