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Monday, June 10, 2019

માનસ અહિંસા

રામ કથા

માનસ  અહિસા

મુંદ્રા, કચ્છ

શનિવાર, ૦૮/૦૬/૨૦૧૯ થી રવિવાર, ૧૬/૦૬/૨૦૧૯


મુખ્ય પંક્તિઓ




कवन पुन्य श्रुति बिदित बिसाला। 

कहहु कवन अघ परम कराला।।

परम धर्म श्रुति बिदित अहिंसा।

पर निंदा सम अघ न गरीसा।।


શનિવાર, ૦૮/૦૬/૨૦૧૯

संत असंत मरम तुम्ह जानहु। तिन्ह कर सहज सुभाव बखानहु।।
कवन पुन्य श्रुति बिदित बिसाला। कहहु कवन अघ परम कराला।।3।।

संत और असंत का मर्म (भेद) आप जानते हैं, उनके सहज स्वभाव का वर्णन कीजिये। फिर कहिये कि श्रुतियोंमें प्रसिद्ध सबसे महान पुण्य कौन-सा है और सबसे महान् भयंकर पाप कौन है।।3।।

संत उदय संतत सुखकारी। 

बिस्व सुखद जिमि इंदु तमारी।।

परम धर्म श्रुति बिदित अहिंसा।

पर निंदा सम अघ न गरीसा।।11।।

और संतों का अभ्युदय सदा ही सुखकर होता है, जैसे चन्द्रमा और सूर्य का उदय विश्व भर के लिये सुख दायक है। वेदोंमें अहिंसा को परम धर्म माना है और परनिन्दा के समान भारी पाप नहीं है।।1।।