રામ કથા
માનસ નવજીવન
અમદાવાદ, ગુજરાત
શનિવાર, તારીખ ૨૩/૦૨/૨૦૧૯ થી
રવિવાર, તારીખ ૦૩/૦૩/૨૦૧૯
મુખ્ય પંક્તિઓ
हरषे सब बिलोकि हनुमाना।
नूतन जन्म कपिन्ह तब जाना॥
कीन्हेसि रामचंद्र कर काजा॥
मुख प्रसन्न तन तेज बिराजा। कीन्हेसि रामचंद्र कर काजा॥2॥
हनुमान्जी को देखकर सब हर्षित हो गए और तब वानरों ने अपना नया जन्म समझा। हनुमान्जी
का मुख प्रसन्न है और शरीर में तेज विराजमान है, (जिससे उन्होंने समझ लिया कि) ये श्री
रामचंद्रजी का कार्य कर आए हैं॥2॥
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