રામ કથા
માનસ ગરુડ
તિરૂવન્નતપુરમ (કેરાલા)
શનિવાર, તારીખ ૨૦/૦૭/૨૦૧૯ થી રવિવાર, તારીખ ૨૮/૦૭/૨૦૧૯
મુખ્ય પંક્તિઓ
गरुड़ महाग्यनी गुन रासी।
हरि सेवक अति निकट निवासी।
गयउ गरुड़ जहँ बसइ भुसुंडा।
मति अकुंठ हरि भगति अखंडा।।
तेहिं केहि हेतु काग सन जाई। सुनी कथा मुनि निकर बिहाई।।2।।
गरुड़जी तो महानज्ञानी, सद्गुणोंकी राशि श्रीहरिके सेवक और उनके अत्यन्त निकट रहनेवाले (उनके वाहन ही) हैं। उन्होंने मुनियों के समूह को छोड़कर, कौए से जाकर हरिकथा किस कारण सुनी ?।।2।।
गयउ गरुड़ जहँ बसइ भुसुंडा। मति अकुंठ हरि भगति अखंडा।।
देखि सैल प्रसन्न मन भयऊ। माया मोह सोच सब गयऊ।।1।।
गरुड़जी वहाँ गये जहाँ निर्बाध बुद्धि और पूर्ण भक्तिवाले काकभुशुण्डि बसते थे। उस पर्वत को देखकर उनका मन प्रसन्न हो गया और [उसके दर्शनसे ही] सबसे माया, मोह तथा सोच जाता रहा।।1।।
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