Translate

Search This Blog

Saturday, October 18, 2014

સંત કબીરના દોહા

અત્રે સંત કબીરના વીણેલા દોહા આભાર પ્રસ્તુત છે.


सात समंदर की मसि करौं लेखनि सब बनराइ     |
धरती सब कागद करौं हरि गुण लिखा न जाइ     ||


धरती सब कागद करूं, लेखनी सब बनराय     |
सात सुमुंद्र की मसि करूं, गुरु गुण लिखा न जाय़     ||



गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, का के लागूं पाय     |
बलिहारी गुरु आपनै, गोबिंद दियो मिलाय     ||


बुरा जो देखन मैं चल्या, बुरा न मिलिया कोय     |
जो दिल खोजा आपना, मुझसा बुरा न कोय     ||


बडा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर     |
पंथी को छाया नही फल लागे अति दूर    ||


अति का भला न बोलना, अति की भली न चूप     |
अति का भला न बरसना, अति की भली न धूप     ||


यह तन विषय की बेलरी, गुरु अमृत की खान      |
सीस दिये जो गुरु मिलै, तो भी सस्ता जान     ||


गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, का के लागूं पाय     |
बलिहारी गुरु आपनै, गोबिंद दियो मिलाय     ||



पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ, पंड़ित भया न कोय     |
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंड़ित होय     ||




No comments:

Post a Comment