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Saturday, March 21, 2015

માનસ મધુ માસ

રામ કથા
માનસ મધુ માસ

અસ્સી ઘાટ
વારાણસી
ઉત્તર પ્રદેશ

શનિવાર, તારીખ ૨૧ માર્ચ ૨૦૧૫ થી રવિવાર, તારીખ ૨૯ માર્ચ  ૨૦૧૫

મુખ્ય પંક્તિ


નૌમી તિથિ મધુ માસ પુનીતા      |

સુકલ પચ્છ અભિજિત હરિપ્રીતા      ||

……………………….બાલકાંડ ૧૯૦

नौमी तिथि मधु मास पिनीता     |
सुकल पच्छ अभिजित हरि प्रीता     ||

નૌમી ભોમ બાર મધુ માસા      |

અવધપુરીં યહ ચરિત પ્રકાસા      ||

………………………..બાલકાંડ ૩૩
नौमी भौम बार मधु मासा     |
अवधपुरीं यह चरित प्रकासा      ||

રામ કથા, માનસ નવમી (પંચમુખી દરબાર મંદિર, ભીલવાડા, રાજસ્થાન -તારીખ ૨૮ માર્ચ ૨૦૦૯ થી તારીખ ૦૫ એપ્રિલ ૨૦૦૯) વિશે વધું માણવા અહીં ક્લિક કરો.



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શનિવાર, ૨૧-૦૩-૨૦૧૫

બ્રહ્મ તત્વ, ઈશ્વર, પરમાત્મા અંતઃકરણ (મન, બુદ્ધિ, ચિત, અહંકાર) માં પ્રગટ થાય પણ ત્યાં વિકસિત ન થાય, તે હ્નદયના ભાવ પ્રદેશમાં મોટા થાય, વિકાસ પામે.

બધી સાધના શ્રમ છે, વિશ્રામ તો ફક્ત રામ નામમાં જ છે.

Courtesy : Divya Bhaskar.

  • काशी पहुंचे मोरारी बापू ने कहा- गंगा के वेग में आनी चाहिए तीव्रता

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वाराणसी. संत मोरारी बापू ने शनिवार को अस्सी घाट के पास राम कथा की शुरुआत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि उनकी कथा दिल्ली और दार्जिलिंग में नहीं हो पाई तो बाबा विश्वनाथ ने उन्हें बुला लिया। उन्होंने कहा कि गंगा के अभियान में तीव्रता की जगह वेग में तीव्रता होनी चाहिए। इससे वह अपने आप अविरल और निर्मल हो जाएंगी।
संत मोरारी बापू ने कहा कि जिस नगरी में बाबा विश्वनाथ, संकट मोचन और मां गंगा हो वहां कथा कहना उनका सौभाग्य है। बापू ने अपने अंदाज में प्रभू पर रचित शायरी को भी भक्तों को सुनाया। उन्होंने बालकांड के 110 दोहे से कथा की शुरुआत की और ईश्वर के बारे में लोगों को बताया। उन्होंने कहा कि कथा ज्ञान यज्ञ नहीं, बल्कि प्रभु के प्रति प्रेम यज्ञ है।
काशी के अस्सी पर मोरारी बापू सुनाएंगे राम कथा, कई देशों से आएंगे भक्तपहली बार अस्सी घाट पर मनाया जाएगा बुढ़वा मंगल, डीएम ने लिया जायजाP
विदेशों से आए भक्त
अमेरिका से आई एनआरआई महिला बलप्रीत ने बताया कि भारत में काशी और बापू की कथा का विहंगम संगम है। उन्होंने बताया कि बड़ी मुश्किलों के बाद वह काशी पहुंची है। दो महीने की लंबी बीमारी के बाद कथा की बात सुनते ही उनमें ऊर्जा का संचार हुआ और वह काशी तक आ गईं। दिल्ली से आये रमेश चोपड़ा ने बताया कि बापू की कथा का अंदाज निराला है ,जो मानो सीधे प्रभु से जोड़ता है।
तीसरी बार काशी पहुंचे
बापू ने बताया कि काशी में वह तीसरी बार रामकथा सुनाने आए हैं। उनकी कथा सुनने वाटर प्रूफ पंडाल में मंत्री सुरेंद्र पटेल, मेयर राम गोपाल मोहले समेत कई आलाधिकारी भी मौजूद रहे।



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